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रविवार, 26 जून 2022

हम मुसाफिर





इस जहान में  हमें जो लाएं

भूल से भी ना इनको भूले
जो हमें पालेपोसे
वो मां-बाप भगवान  कहलाये 
वो मुसाफिर कहलाये
हम मुसाफिर कहलाये


हमें जो भी  नाम मिले
दोस्तों को गालियाँ की वजह मिले
संग बिताये लम्हे यादगार बने
मुसीबतों में जो फ़रिश्ते बनकर आये
वो मुसाफिर कहलाये 
हम मुसाफिर कहलाये 


जन्मों जन्मों का गठबंधन रहे
उसके  साथ सारा जीवन बीते
वो खुशी की हंसी , दुःख की दवा बने
जो मिली ऐसी जोरू हमें 
वो मुसाफिर कहलाये 
हम मुसाफिर कहलाये 


सिखोगे तभी दुनिया जान पायोगे
एक में एक मिलाने से दोन हो जाते
प्रश्नों को हल करने का तरीक़ा दिखलाये
ऐसी सिख देने वाले हमें उस्ताद मिले
वो मुसाफिर कहलाये 
हम मुसाफिर कहलाये 

भोंकने वाले रिश्तेदार मिले
पडोसी को हमारी कितनी फ़िक्र रहे
गाँववाले हमारा हालचाल पूछे
चुगली करने वालों ने हमारे नाम के ढिंढोरे पिटे
वो मुसाफिर कहलाये 
हम मुसाफिर कहलाये 


बे वफ़ा सनम के कारण कुछ  सूली चढ़े
राजनितिक दलों में शामिल होकर दंगे किये
कुछ शराब की बोतलों में डूब गये
कुछ शासक बने, कुछ भक्षक बने              
वो मुसाफिर कहलाये 
हम मुसाफिर कहलाये 


किसान फसलों को उगाये
माल का मोल व्यापारी लगाये
कच्चे को पक्का कारोबारी बनाये
ग्राहक वस्तुओं के उपभोक्ता  कहलाये
वो मुसाफिर कहलाये 
हम मुसाफिर कहलाये 

विशेष बुद्धि के लोगों ने अविष्कार किये
कुछ पागलों ने इतिहास रचे
मेडल जीतकर मां-बाप का नाम रोशन किये
हर कोई अपने अपने तरीके से जिए
वो मुसाफिर कहलाये 
हम मुसाफिर कहलाये 

          
लोगों की विशेषताओं पर लेखक कहानी लिखे  
जिंदगी में सबने अलग-अलग किरदार निभाये
वह किरदार अभिनेताओं ने मंच पर पेश किए 
दर्शकों ने खूब मजे किये
वो मुसाफिर कहलाये 
हम मुसाफिर कहलाये 


अपने अपने काम से हमको पहचान मिले
कुछ टेलर, नाई, मजूर, ड्राइवर बने
कुछ वकील, डाक्टर , अभियंता बने
जैसा काम उनको वैसा दाम मिले
वो मुसाफिर कहलाये 
हम मुसाफिर कहलाये 


वतन पर जान लुटाने वाले देश को जवान मिले  
वो दुश्मन को मौत के घाट उतारे
जय हिंद जय भारत मेरे जैसा हर कोई अपने अपने देश के नारे लगाये
सरकारी अफसर देश को संभालें
वो मुसाफिर कहलाये 
हम मुसाफिर कहलाये 

चोर चोरी करके भागे पोलिस उन्हें पकडने जाये
गुनाहगार को सजा जज साहब दिलाएँ
आतंकवादी भेष बदलकर भागे
पत्रकार सबकी कुंडली अखबार में छापे
वो मुसाफिर कहलाये 
हम मुसाफिर कहलाये 


सबके दिलों में प्यार भरे
प्रार्थना है कोई भूका ना रहे
मानवता का धर्म जतन करे
खुशहाली से दुनिया चलती रहे
वो मुसाफिर कहलाये 
हम मुसाफिर कहलाये 

हल्ला बोल

  हल्ला हल्ला बोल हल्ला, खुन खोल रहा, अब बोल हल्ला। शंख फुंकना विजय का ,  सत्ता का माज उतरेगा   बाप हिंदुस्तान; तेरा घमंड तोडेगा  धर्मरक्षा ...