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मंगलवार, 22 अक्टूबर 2024

प्यार परख कर करना


 प्यार परख कर करना तुम ये कलयुग है 

सिर्फ शादी के समय पूछताछ होती है 

दिल लगाते वक्त क्यों मती मारी जाती है 

टुकडो में बांटा नही खयाल रखा जाता है 

ईश्क विश्क की देर रात की बाते झांसे में लेती है 

कसमों और वादों से ज्यादा व्यवहार जाँचना है

प्रेम निर्माण है प्रेम प्रमाण है इससे भला कैसी दिक्कत है 

भरोसे से जित जितनी आसान उससे भी आसान घात है

चालाकी से बचना और सामर्थ्य से लढना है 

प्यार परख कर करना तुम ये कलयुग है 


प्यार परख कर किया नहीं जाता प्यार हो जाता है 

लेकिन ऐसे कैसे हो जाता है?

कपड़े परख कर लेते हो, मोबाइल परख कर लेते हो, सभी चीज परख कर लेते हो फिर जिसको दिल देना है, जान से ज्यादा मोहब्बत करनी है और जिसको जिस्म यानी तन भी देना है फिर उसकी जांच क्यों नहीं उसकी पूछता क्यों नहीं?

शुरुआत अच्छी होती है चाहे शादी में हो चाहे मोहब्बत में हो चाहे धंधे में हो कुछ दिन बाद जैसे-जैसे परेशानी होने लगती है वैसे-वैसे हम उसे व्यक्ति को या चीज को छोड़ देने की तैयारी करते हैं अगर ना भी छूट रही हो तो हम उसे बेदखल करने का प्लान बनाते हैं अगर फिर भी वह चीज देती रही तो हम उसे मिटाने का प्लान बनाते हैं प्यार एक से हो ऐसा नहीं है प्यार लगाओ उस होता है और लगाओ दूसरे व्यक्ति से भी लगाओ तो भी उससे प्यार हो जाता है सबसे बड़ी बात होती है प्यार हो जाने के बाद उसे प्यार को निभाना उसे व्यक्ति की देखभाल करना उसका ख्याल रखना उसका सब कुछ अपना समझना अपना भी उसे सब कुछ दे देना इसे कहते हैं प्यार अगर वह दुख में है तो हमें भी दुख होना चाहिए अगर वह सुख में है तो हमें भी हंसी आनी चाहिए।

यह कलयुग है हमें प्यार जांच कर करना ही होगा वरना पछताने का मौका भी नहीं मिलेगा और मिलेगा तो भी खुद के नजरिए में गुनहगार होक जाएंगे और अपनी इस गलती या अपराध को कभी माफ नहीं करेंगे ।

अब आते हैं सबसे बड़ी बात अपने मां-बाप ने हमें जीवन दिया है और हम इस जीवन को किसी और को सौंप देंगे और वह भी उसे इस्तेमाल करके टुकड़े करके किसी नाली में फेंक देगा या किसी फ्रिज में रख देगा मां-बाप की मेहनत का ख्याल कीजिए जिस ख्याल ने आपको इतनी उम्र तक पाल पोसकर बड़ा किया और अगर आपने आपको उसे उसे व्यक्ति को समर्पित किया है तो उसको भी आपको समर्पित होना होगा अगर मरना है तो साथ में मारना होगा वह सिर्फ आपकी जान क्यों लेता है अगर वैसा प्रसंग आपके जीवन में आता है तो उसे वक्त आप भी उसे पर हमला कीजिए और अपनी जान बचाकर भाग जाइए

हमारे मां-बाप भी यही चाहते हैं कि अपनी जान से बढ़कर कोई रिश्ता नहीं अपनी जान से बढ़कर नाता नहीं अपनी जान से बढ़कर कोई प्यार नहीं अपनी जान से बढ़कर मोहब्बत नहीं सिर्फ अपनी जान की परवाह है ।



हल्ला बोल

  हल्ला हल्ला बोल हल्ला, खुन खोल रहा, अब बोल हल्ला। शंख फुंकना विजय का ,  सत्ता का माज उतरेगा   बाप हिंदुस्तान; तेरा घमंड तोडेगा  धर्मरक्षा ...