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शनिवार, 23 फ़रवरी 2019

गरिबी 1

गरिबी 1





टोचले जरी खडे, पोळली जरी सडक 
जातो शाळेत अनवाणी नाही पायात चप्पल 
पाहत होतो आशेने सोबती देईल चॉकलेट 
घातला हात खिश्यात निघाली फाटकी नोट 

रात्रीचा अंधार त्यात काट्या कुट्याच राण 
घ्याया मुक्या जीवाचा प्राण हाती धरली वागर
खाऊन पोटभर मी बोललो अगदी झकास झाला बेत 
कानावर पडला आईने विचारलेला बाबास प्रश्न 
काय खायाला घालणार उद्या आपल्या संतान 

दोन कारली , तीन बटाटी घेतली वांगी पावशेर 
किराणा दुकानाततील तेल, शेंगदाणे 100,200 ग्रॅम 
पिशवीच्या तळाशी दिसेल हा सगळा बाजार 
विचार केला तर पुरेलच कसा हा आठवडाभर 
एक टाईम जेवण भागे शेजारच्यांनी दिलेल्या शिळ्यावर 

भीक मागायला बसायचो आम्ही देवळा समोर 
रोज देवाकडे तीच प्रार्थना दान मिळो एक कोट 
नाही एक कोट पण देवाने दिली जादूची कला भेट
आता प्रत्येक वर्षी पेलतो मी दोन अनाथ मुलांचा खर्च 







रविवार, 10 फ़रवरी 2019

प्रेम वेडा

प्रेम वेडा 

वो सपना जो हमने देखा था 
वो सपना तुट के बिखर गया 

सपना मेरी मोहब्बत का था 
बरसो पहले लगी लगन का था 
वो सपना तुट के बिखर गया 

उम्रभर साथ देगी ऐसा  सोचा था 
उस फुल का सुगंध मेरे नसीब में नहीं था 
वो सपना तुट के बिखर गया 
,
बचपन की दोस्त के साथ शादी बनना था 
लेकिन मेरा  ilu कहना उसको मंजूर नहीं  था 
वो सपना तुट के बिखर गया 

उसके गांव में हर शाम जाना बस एक बहाना था 
लव का जिक्र होने के बाद मिला था 
उस मिलन में मेरे प्यार का मीठा हसना था 
वो सपना तुट के बिखर गया 

रो डालती वो ओर उसकी याद 
जब भी कोई जिक्र करता था 
उस सच को एक साल पहले छोड दिया था 
फिरसे, वो सपना तुट के बिखर गया 

वो सपना जो हमने देखा था 
वो सपना तुट के बिखर गया

हल्ला बोल

  हल्ला हल्ला बोल हल्ला, खुन खोल रहा, अब बोल हल्ला। शंख फुंकना विजय का ,  सत्ता का माज उतरेगा   बाप हिंदुस्तान; तेरा घमंड तोडेगा  धर्मरक्षा ...