स्वतंत्रता स्वतंत्रता
ये भारत की स्वतंत्रता
प्रज्वलित हुई हर किसी के मन में,
हर कोई इसको मांगे
स्वतंत्रता स्वतंत्रता
झुकाये गये सिर ने
चाबुक की फटकार ने
जख्म के दर्द ने
ललकारनी चाही
स्वतंत्रता स्वतंत्रता
आंसुओं की बाढ़ ने
घर के आंगन ने
शमशान में जलती सरण ने
मां की उदार ममता ने मांगी
स्वतंत्रता स्वतंत्रता
माँ बहन की लूटी इज्ज़त ने
सीने में जलती आग ने
आग में जलने वाली जीवित जीव ने
पाणी को तरसती लोगों की प्यास ने मांगी
स्वतंत्रता स्वतंत्रता
सुभाष बोले चलो दिल्ली
गांधी बने सत्याग्रहि
खुब लड़ी झांसी की रानी
तीनों की फांसी ने मांगी
स्वतंत्रता स्वतंत्रता
देश की लिए लढने वाले हर सिपाहियों ने
बंदूकों की गोलियों ने
मात देने वाले हर एक मनसूबे ने
लोगों को प्रेरित करने वाले नारों ने मांगी
स्वतंत्रता स्वतंत्रता
मांगने से ना मिली
बदले में कुछ शर्तें रखी
कई हिस्सों में बट गई भारत की भूमि
देश वासियों ना भूल से ना भूलों ये
स्वतंत्रता स्वतंत्रता
ये भारत की स्वतंत्रता

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